माँ [Mother] Page 4/13
काश खुशियों की कोई दुकान होती
उसमें मेरी जान पहचान होती
खुदा कसम, तुम्हारे लिए सारी खरीद लेता
चाहे उसकी कीमत मेरी जान होती
लबों पर उसके कभी, बद्दुआ नहीं होती
एक माँ है, जो कभी खफ़ा नही होती
मेरे गुनाहों को वो कुछ इस तरह धो देती है
वो जब नाराज़ होती है, तो बस रो देती है
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