माँ [Mother] Page 7/13
किसी के हिस्से में मकान, और किसी के दुकान आई
मैं घर में सबसे छोटा था, मेरे हिस्से में माँ आई
माँ-बाप को सोने से न मढ़ो चलेगा, हीरों से न जड़ो तो चलेगा
पर उनका जिगर जले और अंतर आँसू बहाए, वो कैसे चलेगा
घर की माँ को रुलाये और मन्दिर की माँ को चुनरी ओढ़ाये
याद रखना मन्दिर की माँ तुझ पर खुश तो नहीं
हाँ शायद खफ़ा ज़रुर होगी
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