गाँववासी सरल दिल, अन्धविश्वासी लोग थे । उन्हें भयानक पीडा से तड़प रहे रोनक सिंह के प्रति अपार सहानुभुति थी । उन्होने परमात्मा से रोनक सिंह और सारे गाँव वालो के जीवन को खुशहाल करने की विनती की । गाँव का पुजारी भी रोनक सिंह के दर्द से मुक्ति के लिए मंत्रोच्चारण और पूजा करता रहा । गाँव के वैद ने रोनक सिंह को कुछ दवाईयां दी और विश्वास दिलाया की वह जल्द ही ठीक हो जायेगा । अगली सुबह रोनक सिंह ने मह्सूस किया कि उसकी पीड़ा खत्म हो गई थी । उसने सभी गाँव वालो के द्वारा उसकी देखभाल करने और उनके सहयोग का शुक्रिया किया ।