सुजित उस रात को कभी नहीं भुला सकता जब उसकी माँ को बिच्छु ने डंक मार दिया था । उस रात वर्षा हो रही थी । वास्तव में दस घंटो से बिना रूके वर्षा हो रही थी । इस कारण एक बिच्छु अपने बचाव के लिए भागा । वह सुजित के घर में प्रवेश कर गया तथा चावल की एक बोरी के नीचे छिप गया । सुजित की माँ उस कमरे में सन्योग से चली गई । दुष्ट बिच्छु ने उसे डंक मार दिया, उसके अंगुठे में विष उडेला तथा अपनी राक्षसी पूँछ लहराकर बरसात में ही बाहर निकल गया ।