एक आदमी अपनी टीम एक बकरी, एक बंदर और साँप के साथ गांव-गांव जा कर लोगों का मनोरंजन किया करता था ।
एक बार नदी पार करते समय वह अपने सिर पर सांप की टोकरी संतुलित करके, कंधे पर बंदर बैठा कर अपने हाथ से बकरी का मार्गदर्शन किया । नदी में पानी का स्तर कम था, लेकिन बहाव काफी तेज था ।
आधे रस्ते में, शरारती बंदर ने सांप की टोकरी को खोल दिया । टोकरी के अन्दर अंधेरे में सांप उसके सिर के साथ ऊंचा उछला । सांप की उत्तेजित फुंफ्कार से बंदर डर गया और यह पानी में गिर गया ।
तेज बहाव ने बंदर दूर को खींचना शुरू कर दिया। बंदर को बचाने के प्रयास में साँप की टोकरी धारा में गिर गई ।
टोकरी को पकड़ने के लिए बकरी पर अपनी पकड़ को उसने खो दिया और कुछ ही सेकंड के अन्दर तेज बहाव उसके तीनों साथियों को अपने साथ ले गया ।